राजधानी में नशे की अंधेरी गलियों में हुक्का संस्कृति तेजी से पनप रही है। बैन के बावजूद शहर में दर्जनों बार और रेस्तरां नियमों को ताक पर रखकर युवाओं को फ्लेवर्ड हुक्का परोस रहे हैं। कहने को यह फ्लेवर्ड है, लेकिन कई बार जब यहां कार्रवाई के लिए पुलिस या स्वास्थ्य विभाग पहुंचता है तो नशीले पदार्थों की मिलावट पाई जाती है। बावजूद इसके अभी तक इनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई।
दरअसल, हुक्का बार के विरुद्ध समय समय पर स्वास्थ्य महकमा भी कार्रवाई करता है। लेकिन, विभाग के हाथ बंधे हैं। नियमानुसार इनका केवल 200 रुपये का चालान ही किया जा सकता है। अब रही बात पुलिस की तो यहां आकर कानून के हाथ भी छोटे पड़ जाते हैं। जिन बारों और रेस्तरां में हुक्का परोसा जा रहा है वे बेहद ऊंची पहुंच रखने वालों के हैं। सत्ता के गलियारों तक इनकी पहुंच होने के कारण पुलिस और प्रशासन भी इनके खिलाफ कार्रवाई से बचती है। जबकि, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार हुक्का बार पूरी तरह से गैर कानूनी हैं।